निगमकर्मियों के साथ एक निगम अधिकारी का नाम भी सामने आया
लॉकडाउन में एंटी कोरोना स्क्वॉड की निगम की जीप और कचरा गाड़ी में किया पोटली का परिवहन
उज्जैन। जहरीली शराब बेचने के मामले में सिकंदर और गब्बर का नाम सामने आने के बाद पुलिस की जांच के एंगल के सिरे बढ़ते जा रहे हैं। पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि कल रात युनूस ने पुलिस को प्राथमिक पूछताछ में बताया कि यह सारा मामला एक निगम अधिकारी की जानकारी में भी था। उनके कथित संरक्षण में सिकंदर ने पूरे क्षेत्र में दादागिरी मचा रखी थी। सिकंदर की नजदीकी के कारण कोरोना काल में कथित रूप से इन लोगों ने निगम की एंटी कोरोना स्क्वॉड, जो दुकान खुलने पर चालान बनाती थी या सड़क पर बगैर अनुमति निकलने पर जुर्माना ठोकती थी, उस वाहन में भी अवैध रूप से जहरीली शराब का परिवहन किया था। इसी प्रकार कचरा गाड़ी में भी पोटली (झिंझर आदि भरी पॉलीथिन की थैलियों) का परिवहन किया जाता था।
मुल्लापुरा में लाइन लगती थी, महाकाल थाना पुलिस को पता था: सूत्र बताते हैं कि युनूस ने यह भी कबूला कि लॉकडाउन अवधि में इन कारोबारियों के द्वारा पुलिस के कथित संरक्षण में मुल्लापुरा के समीप झिंझर बनाई जाती थी और रोजाना मुल्लापुरा में तय समय पर इसे खरीदने वालों की लाइन लगती थी। यहीं से आधे शहर में यह सप्लाय हो जाती थी। इस सप्लाय में निगम की जीप और कचरा गाड़ी भी सहयोगी बनती थी। पुलिस को यह सब पता था लेकिन सारा काम सेटिंग से चल रहा था।
छत्रीचौक-गोपाल मंदिर पर अभी भी वसूलते थे 300 से 500 रुपए रोज
नगर निगम के राजस्व वसूली के एक अधिकारी के संरक्षण में सिकंदर ने इतनी धाक जमा ली थी कि वह छत्रीचौक और गोपाल मंदिर क्षेत्र में लगने वाले हाथ ठेलेवालों से 10 रू. की रसीद के अलावा 300 से 500 रू. रोजाना अवैध रूप से वसूलते थे। निगम की जमीन और निगम के कर्मी, ऐसे में हाथ ठेलेवाले मजबूरी में देते थे क्योंकि वे अतिक्रमण करते हैं और यातायात जाम करते हैं। उन्हे इसकी खुली छूट रहती थी।
रीगल और टंकी चौक के पार्किंग के ठेके निरस्त करने की मांग
अब नगर निगम में ही यह मांग तेजी से उठ रही है कि रीगल और टंकी चौक के पार्किंग ठेके निरस्त कर दिए जाएं। इनके ठेकेदारों को बदला जाए। इन्ही दो जगहों को गब्बर और सिकंदर ने अपनी अवैध कमाई का अड्डा बना रखा था। टंकी चौक की पार्किंग वाली बिल्डिंग की छत पर जहां जुआ चलता है वहीं दो कमरों में जहरीली शराब का गोदाम बनाकर रखा हुआ है।
पुलिस जानकारी देगी, तब कार्रवाई : निगमायुक्त
प्रश्न: निगमायुक्त क्षितिज सिंघल से जब पूछा गया कि निगम के दो कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आप उन पर क्या कार्रवाई कर रहे हैं ?
उत्तर: मैरे पास पुलिस की और से अधिकृत जानकारी आ जाए, फिर में देखूंगा कि कानूनन क्या कार्रवाई कर सकता हूं? तब तक कुछ नहीं कहूंगा।
प्रश्न: सिकंदर और गब्बर को एक निगम अधिकारी का प्रश्रय था, यह बात पुलिस सूत्रों से सामने आई है। आप क्या कहेंगे?
उत्तर : यदि पुलिस कहेगी कि निगम अधिकारी इस मामले में शामिल है, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे।
प्रश्न : कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान निगम की जीप और कचरा गाड़ी भी अवैध शराब के परिवहन में सिकंदर तथा गब्बर ने उपयोग में लाई, आपको जानकारी है?
उत्तर: पुलिस से यह जानकारी मिलेगी तो संबंधितों के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे।
प्रश्न : निगम अधिकारी के संरक्षण में छत्रीचौक से गोपाल मंदिर तक ठेलेवालों को अवैध संरक्षण दिया जा रहा है। यहां 300 से 500 रुपए रोज प्रति हाथ ठेलेवालों से अवैध रूप से लिया जाता है,आप क्या कहेंगे? क्या आप मानते हैं कि इन क्षेत्रों में हाथ ठेलेवालों के कारण अतिक्रमण बढ़ा है और यातायात प्रभावित हुआ है।
उत्तर : यह शिकायत आती है तो जांच करवाएंगे। अतिक्रमण नहीं होना चाहिए और यातायात जाम होने पर पुलिस कार्रवाई करने को स्वतंत्र है।
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