मरीज उज्जैन से इंदौर रैफर, कोरोना संदिग्ध मानकर इंदौर के अस्पतालों ने नहीं किया भर्ती
हालत बिगड़ी तो उज्जैन लाए फिर अस्पताल में शुरू हुआ इलाज
उज्जैन:कोरोना का भूत इंदौर के निजी हॉस्पिटल्स पर कितना भारी है, इसका ताजा उदाहरण कल शाम को सामने आया। शहर के एक प्रतिष्ठित वरिष्ठ नागरिक को ब्रेन स्ट्रोक आया। उन्हे परिजन सीएचएल लेकर गए। यहां तबियत खराब होने पर इंदौर रैफर किया गया।परिजन अपने बीमार बुजुर्ग को लेकर इंदौर में रिंग रोड-विजयनगर के समीप स्थित एक बड़े निजी अस्पताल ले गए। वहां पर जब चेस्ट का एक्स-रे किया गया तो डॉक्टर्स को लगा कि मरीज कोरोना संदिग्ध है। उन्होने स्पष्ट रूप से कहा कि हमारे यहां आयसीयू बेड खाली नहीं है। इस पर परिजनों ने एलआईजी स्थित निजी अस्पताल और फिर यू टर्न शोरूम के सामने स्थित निजी अस्पताल में सम्पर्क किया। दोनों जगह कहा गया कि आयसीयू में बेड खाली नहीं है। तब परिजनों ने सांवेर रोड स्थित अस्पताल में संपर्क किया वहां एक चिकित्सक ने यह कहा कि प्रायवेट मरीज के रूप में बेड तो दे देंगे लेकिन हाई फ्लो ऑक्सीजनवाला बेड उपलब्ध नहीं है। इसके बाद परिजन गंभीर बीमार वरिष्ठ नागरिक को लेकर उज्जैन आए और सीधे आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां भी कुछ डॉक्टर ने परिजनों को डरा दिया कि मरीज की हालत गंभीर है। आप लोग घर पर जाएं, कल 11 बजे आना, तब बता पाएंगे कि मरीज की हालत कैसी है? इस पर घबराए परिजन घर पर आ गए। तब तक रात्रि के 9 बज चुके थे।
कलेक्टर-नोडल अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद शुरू हुआ इलाज
परिजनों ने रात्रि 10 बजे अधिकारियों को स्थिति बताई। कलेक्टर के निर्देश पर वरिष्ठ नागरिक का उपचार गंभीरता से प्रारंभ हुआ। रात्रि 11 बजे सोजानसिंह रावत ने परिजनों तक मरीज के स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी पहुंचवाई। वहीं कहाकि यदि वे चिंतित हैं तो आरएमओ से भी सम्पर्क कर सकते हैं। इसके बाद परिजनों ने वहां उपस्थित डॉक्टर से सम्पर्क किया और वस्तुस्थिति जानी।
परिजन बोले- इंदौर जाकर गलती की
कोरोना संदिग्ध होने की जानकारी नहीं थी। इंदौर में जानकारी मिलने पर हम इंदौर में नहीं भटकते और उज्जैन तत्काल आ जाते तो ठीक रहता। हमे कलेक्टर एवं अपर कलेक्टर के माध्यम से तुरंत उपचार मिला। उन्होने कहा कि हमें इंदौर नहीं जाना था, उज्जैन में ही प्रशासन पर भरोसा करके उपचार करवाना था।
गार्डी एवं अमलतास में है बेड आरक्षित
इसको लेकर सीएमएचओ डॉ.महावीर खण्डेलवाल से चर्चा की गई तो उन्होने कहा जिला प्रशासन द्वारा इस समय कोरोना मरीजों एवं कोरोना संदिग्धों के रूप में शा.माधवनगर अस्पताल के अलावा आरडी गार्डी एवं अमलतास में बेड आरक्षित रखे हैं। अब अरविंदों में उज्जैन की ओर से बेड आरक्षित नहीं है।
हालत बिगड़ी तो उज्जैन लाए फिर अस्पताल में शुरू हुआ इलाज
उज्जैन:कोरोना का भूत इंदौर के निजी हॉस्पिटल्स पर कितना भारी है, इसका ताजा उदाहरण कल शाम को सामने आया। शहर के एक प्रतिष्ठित वरिष्ठ नागरिक को ब्रेन स्ट्रोक आया। उन्हे परिजन सीएचएल लेकर गए। यहां तबियत खराब होने पर इंदौर रैफर किया गया।परिजन अपने बीमार बुजुर्ग को लेकर इंदौर में रिंग रोड-विजयनगर के समीप स्थित एक बड़े निजी अस्पताल ले गए। वहां पर जब चेस्ट का एक्स-रे किया गया तो डॉक्टर्स को लगा कि मरीज कोरोना संदिग्ध है। उन्होने स्पष्ट रूप से कहा कि हमारे यहां आयसीयू बेड खाली नहीं है। इस पर परिजनों ने एलआईजी स्थित निजी अस्पताल और फिर यू टर्न शोरूम के सामने स्थित निजी अस्पताल में सम्पर्क किया। दोनों जगह कहा गया कि आयसीयू में बेड खाली नहीं है। तब परिजनों ने सांवेर रोड स्थित अस्पताल में संपर्क किया वहां एक चिकित्सक ने यह कहा कि प्रायवेट मरीज के रूप में बेड तो दे देंगे लेकिन हाई फ्लो ऑक्सीजनवाला बेड उपलब्ध नहीं है। इसके बाद परिजन गंभीर बीमार वरिष्ठ नागरिक को लेकर उज्जैन आए और सीधे आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां भी कुछ डॉक्टर ने परिजनों को डरा दिया कि मरीज की हालत गंभीर है। आप लोग घर पर जाएं, कल 11 बजे आना, तब बता पाएंगे कि मरीज की हालत कैसी है? इस पर घबराए परिजन घर पर आ गए। तब तक रात्रि के 9 बज चुके थे।
कलेक्टर-नोडल अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद शुरू हुआ इलाज
परिजनों ने रात्रि 10 बजे अधिकारियों को स्थिति बताई। कलेक्टर के निर्देश पर वरिष्ठ नागरिक का उपचार गंभीरता से प्रारंभ हुआ। रात्रि 11 बजे सोजानसिंह रावत ने परिजनों तक मरीज के स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी पहुंचवाई। वहीं कहाकि यदि वे चिंतित हैं तो आरएमओ से भी सम्पर्क कर सकते हैं। इसके बाद परिजनों ने वहां उपस्थित डॉक्टर से सम्पर्क किया और वस्तुस्थिति जानी।
परिजन बोले- इंदौर जाकर गलती की
कोरोना संदिग्ध होने की जानकारी नहीं थी। इंदौर में जानकारी मिलने पर हम इंदौर में नहीं भटकते और उज्जैन तत्काल आ जाते तो ठीक रहता। हमे कलेक्टर एवं अपर कलेक्टर के माध्यम से तुरंत उपचार मिला। उन्होने कहा कि हमें इंदौर नहीं जाना था, उज्जैन में ही प्रशासन पर भरोसा करके उपचार करवाना था।
गार्डी एवं अमलतास में है बेड आरक्षित
इसको लेकर सीएमएचओ डॉ.महावीर खण्डेलवाल से चर्चा की गई तो उन्होने कहा जिला प्रशासन द्वारा इस समय कोरोना मरीजों एवं कोरोना संदिग्धों के रूप में शा.माधवनगर अस्पताल के अलावा आरडी गार्डी एवं अमलतास में बेड आरक्षित रखे हैं। अब अरविंदों में उज्जैन की ओर से बेड आरक्षित नहीं है।
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