देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम, कान्हा के गुरुकुल में रात 12 बजे हुई पूजा

देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम, कान्हा के गुरुकुल में रात 12 बजे हुई पूजा 
 

उज्जैन. देशभर में भगवान कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। उज्जैन में भगवान कृष्ण ने शिक्षा दीक्षा ली थी। कान्हा की शिक्षास्थली सांदिपनी आश्रम में रात बारह बजे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया । प्रदेश उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने संदीपनी आश्रम पहुंचकर पूजा अर्चना।

उज्जैन को बाबा महाकाल की नगरी के रुप में जाना जाता है लेकिन उज्जैन भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली भी है। द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण 11 वर्ष की उम्र में उज्जैन के ऋषि सांदिपनी के पास विद्या अध्ययन के लिए आए थे। यही वजह है कि भगवान कृष्ण की शिक्षा स्थली सांदिपनी आश्रम देश-विदेश के भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। उज्जैन के सांदिपनी आश्रम में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव आस्था और उल्लास के साथ मनाया जाता है। जन्माष्टमी के पहले सोमवार की रात बारह बजे सांदिपनी आश्रम के गुरुगोविंद मंदिर में जन्मोत्सव का आनंद मनाया गया। सबसे पहले भगवान कृष्ण का पूजन अभिषेक किया गया । इसके बाद जन्मोंत्सव की महाआरती शुरू हुई । जिसे उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने हमेशा की तरह मंदिर में पूजा अर्चना की उज्जैन में कृष्ण जन्म उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया।


कन्हैया का जन्मोत्सव 11 या 12 अगस्त को मनाया जाएगा, इसे लेकर दुविधा थी। ऐसे में नगर पंडित सभा ने अपना मत स्पष्ट किया कि पंचांग में 11 अगस्त को भी जन्माष्टमी है, लेकिन इस दिन साधु-संत पर्व मनाएंगे। जबकि, 12 अगस्त को गृहस्थ पर्व मनाएंगे। वैष्णव लोगों के लिए उसी दिन जन्माष्टमी मनाने का विधान है, जब उससे नवमी तिथि जुड़ी हो। इसीलिए इस दिन कन्हैया का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए संतजनों ने इस बार कन्हैया का जन्मोत्सव लोगों से घरों मे रहकर ही मनाने कहा है। स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि का कहना है घरों में रहकर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाएं। भीड़ इकठ्ठी न करें। जिससे कोरोना महामारी के संक्रमण से बचा जा सके।

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