कृषि वैज्ञानिकों एवं विभागीय अधिकारियों के संयुक्त दल ने सोयाबीन फसल का अवलोकन किया, कीटव्याधी से बचाव के लिये सलाह दी गई

कृषि वैज्ञानिकों एवं विभागीय अधिकारियों के संयुक्त दल ने सोयाबीन फसल का अवलोकन किया, कीटव्याधी से बचाव के लिये सलाह दी गई

 

उज्जैन 25 अगस्त। जिला स्तरीय कृषि वैज्ञानिक एवं विभागीय अधिकारियों की डाइग्नोस्टिक टीम द्वारा आज तराना जनपद के ग्राम कायथा, सारोला, आसेर, जवासिया, लक्ष्मीपुरा, सुमराखेड़ा, उज्जैन जनपद के ग्राम लेकोड़िया कांकरा, चिन्तामन जवासिया, नरवर आदि में भ्रमण कर सोयाबीन फसल में लगने वाले कीट का निरीक्षण किया तथा किसानों को बचाव के लिये आवश्यक सलाह दी गई।

 उप संचालक कृषि श्री सीएल केवड़ा एवं सहायक संचालक श्री कमलेश राठौर ने बताया कि फसल निरीक्षण में किसानों से सोयाबीन फसल में सफेद मक्खी, तना मक्खी के नियंत्रण हेतु बीटासाइफ्लुथ्रिन+इमिडाक्लोप्रीड 350 मिली प्रति हेक्टेयर या पूर्वमिश्रित थायोमिथाक्सम+लेमडासायहैलोथ्रिन 125 मिली का छिड़काव करने की सलाह दी गई। इसी तरह सोयाबीन की फसल में फफूंदजनित एंथ्रेकनोज एवं एरियल बलाईट बीमारी के नियंत्रण हेतु टेबुकोनोझोल 600 मिली प्रति हेक्टेयर अथवा टेबुकोनाझोल+सल्फर एक किलोग्राम प्रति हेक्टेयर या पायरोक्लोस्ट्रोबिन 20 डब्ल्यूजी 500 ग्राम प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करने की सलाह दी गई। किसानों को किसी भी तरह की समस्या आने पर सम्बन्धित क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अथवा वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी से सम्पर्क करने हेतु कहा गया है।

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