पारंपरिक पाठ्यक्रम के साथ योग की शिक्षा विद्यार्थियों की गुणवत्ता में वृद्धि करेगी -प्रभारी राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल, संस्कृत विश्वविद्यालय के माध्यम से ज्ञानरूपी अमृत समाज को प्राप्त होगा -उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव, 2 शैक्षिक भवनों का ऑनलाइन भूमि पूजन सम्पन्न
उज्जैन 31 अगस्त। महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन में योगेश्वर श्रीकृष्ण योग भवन तथा आचार्य सांदीपनि शिक्षा भवन का मध्य प्रदेश की प्रभारी राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने सोमवार 31 अगस्त को दो शैक्षिक भवनों का ऑनलाइन भूमिपूजन किया। ऑनलाइन शिलान्यास समारोह की अध्यक्षता करते हुए मध्य प्रदेश की प्रभारी राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय में पारंपरिक पाठ्यक्रम के साथ योग की शिक्षा विद्यार्थियों की गुणवत्ता में वृद्धि करेगी। सर्वांगीण विकास के लिए भारतीय शिक्षा पद्धति परम आवश्यक है। विभिन्न डिप्लोमा पाठ्यक्रम जो ऑनलाइन संचालित किए जा रहे हैं छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए उपकारक सिद्ध होंगे। आत्मनिर्भरता के लिए आत्मानुशासन होना चाहिए और यह अनुशासन उचित शिक्षा से ही प्राप्त होता है। नई शिक्षा नीति में छात्रों के मनोवैज्ञानिक पक्ष को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, निश्चय ही भारतीय ज्ञान पद्धति के साथ यह नई शिक्षा नीति भारत देश को उन्नति प्रदान करेगी। कोरोना महामारी के इस दौर में जागरूकता हेतु विश्वविद्यालयों की महती भूमिका रही है। जहां भारतीय दर्शन हमें जीवन की दृष्टि प्रदान करता है वही योग विज्ञान जीवन जीने की स्फूर्ति प्रदान करता है। मैं विश्व विद्यालय के समस्त विद्यार्थियों को शुभकामनाएं प्रदान करती हूं।
समारोह में ऑनलाइन के माध्यम से मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन नगरी से संस्कृत विश्वविद्यालय का तादात्म्य संबंध है। सम्माननीय वेदों में तथा पुराणों में अपूर्व ज्ञान विज्ञान का भंडार निहित है। मुझे विश्वास है कि संस्कृत विश्वविद्यालय के माध्यम से यह ज्ञानरूपी अमृत समाज को प्राप्त होगा। जिस तरह महर्षि सांदीपनि से 64 प्रकार का ज्ञान प्राप्त कर श्रीकृष्ण पुरुषोत्तम हुए। ठीक उसी प्रकार यहां के छात्र श्रेष्ठ मानव सिद्ध होंगे। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव ने कहा कि मैं विश्वविद्यालय की स्थिति तथा परिस्थिति से पूरी तरह परिचित हूं। मेरा पूरा प्रयास होगा कि विश्वविद्यालय की जो जरूरतें हैं और जो शिक्षकों की नियुक्तियां करनी है, वह सब राज्यपाल महोदया के आशीर्वाद से हम पूरा करेंगे, जिससे यह विश्वविद्यालय निश्चित रूप से यूजीसी की 12बी तथा नैक के मापदंड को पूरा करेगा। पुराणों में वर्णित जिन तथ्यों का हम अनुमान करते थे भविष्य में संस्कृत विश्वविद्यालय के माध्यम से उसका प्रत्यक्ष दर्शन करेंगे। मंत्री डॉ.यादव ने विश्वविद्यालय के विकास के लिए हरसंभव मदद करने का भरोसा दिया। उन्होंने इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार तथा छात्रों को शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर उज्जैन में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.पंकज लक्ष्मण जानी, उप कुलपति प्रो.मनमोहन उपाध्याय, कुलसचिव डॉ.एलएस सोलंकी, विभागाध्यक्ष डॉ.तुलसीदास परोहा सहित प्राध्यापक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
इसके पूर्व ऑनलाइन कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोचार तथा दीप दीपन के साथ हुआ। समारोह में उद्घाटन स्वागत भाषण एवं प्रासंगिक उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए कुलपति डॉ.पंकज लक्ष्मण जानी ने राज्यपाल तथा उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव के प्रति स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने विश्वविद्यालय की गतिविधियों, आगामी कार्य योजनाओं तथा योगेश्वर श्रीकृष्ण योग भवन एवं आचार्य सांदीपनि शिक्षा भवन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। कुलपति डॉ.जानी ने विश्वविद्यालय की वर्तमान स्थिति की जानकारी देते हुए यह निवेदन किया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की 12बी की मान्यता हेतु तथा नैक संस्था से निरीक्षण हेतु आवश्यक मापदंडों को पूरा करने के लिए प्रशासनिक एवं शैक्षणिक भवन की अत्यंत आवश्यकता है एवं रिक्त प्राध्यापकों के पदों को शीघ्र भरे जाने की आवश्यकता है।
उपकुलपति डॉ.मनमोहन उपाध्याय ने कुलाधिपति का तथा मंत्री का विश्वविद्यालय परिवार की ओर से आभार माना। अंत में शिलान्यास समारोह में सम्मिलित हुए सभी मध्यप्रदेश एवं उत्तर प्रदेश राजभवन के अधिकारियों, विश्वविद्यालय के तथा महाविद्यालयों के प्राध्यापकों सम्माननीय नागरिकों प्रबंध मंडल के सदस्यों एवं सभी छात्र-छात्राओं के प्रति कुलसचिव डॉ एस एस सोलंकी ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन विभागाध्यक्ष डॉ तुलसीदास परौहा द्वारा किया गया । कार्यक्रम का ऑनलाइन प्रसारण गूगल मीट तथा फेसबुक के माध्यम से किया गया, जिसमें जुड़कर सैकड़ों लोगों ने इस कार्यक्रम को लाइव देखा। विश्व विद्यालय के लिए आज का दिन उसके स्वर्णिम इतिहास का अविस्मरणीय दिवस रहेगा। कार्यक्रम का औपचारिक समापन कल्याण मंत्र के साथ हुआ।
उज्जैन 31 अगस्त। महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन में योगेश्वर श्रीकृष्ण योग भवन तथा आचार्य सांदीपनि शिक्षा भवन का मध्य प्रदेश की प्रभारी राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने सोमवार 31 अगस्त को दो शैक्षिक भवनों का ऑनलाइन भूमिपूजन किया। ऑनलाइन शिलान्यास समारोह की अध्यक्षता करते हुए मध्य प्रदेश की प्रभारी राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय में पारंपरिक पाठ्यक्रम के साथ योग की शिक्षा विद्यार्थियों की गुणवत्ता में वृद्धि करेगी। सर्वांगीण विकास के लिए भारतीय शिक्षा पद्धति परम आवश्यक है। विभिन्न डिप्लोमा पाठ्यक्रम जो ऑनलाइन संचालित किए जा रहे हैं छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए उपकारक सिद्ध होंगे। आत्मनिर्भरता के लिए आत्मानुशासन होना चाहिए और यह अनुशासन उचित शिक्षा से ही प्राप्त होता है। नई शिक्षा नीति में छात्रों के मनोवैज्ञानिक पक्ष को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, निश्चय ही भारतीय ज्ञान पद्धति के साथ यह नई शिक्षा नीति भारत देश को उन्नति प्रदान करेगी। कोरोना महामारी के इस दौर में जागरूकता हेतु विश्वविद्यालयों की महती भूमिका रही है। जहां भारतीय दर्शन हमें जीवन की दृष्टि प्रदान करता है वही योग विज्ञान जीवन जीने की स्फूर्ति प्रदान करता है। मैं विश्व विद्यालय के समस्त विद्यार्थियों को शुभकामनाएं प्रदान करती हूं।
समारोह में ऑनलाइन के माध्यम से मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन नगरी से संस्कृत विश्वविद्यालय का तादात्म्य संबंध है। सम्माननीय वेदों में तथा पुराणों में अपूर्व ज्ञान विज्ञान का भंडार निहित है। मुझे विश्वास है कि संस्कृत विश्वविद्यालय के माध्यम से यह ज्ञानरूपी अमृत समाज को प्राप्त होगा। जिस तरह महर्षि सांदीपनि से 64 प्रकार का ज्ञान प्राप्त कर श्रीकृष्ण पुरुषोत्तम हुए। ठीक उसी प्रकार यहां के छात्र श्रेष्ठ मानव सिद्ध होंगे। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव ने कहा कि मैं विश्वविद्यालय की स्थिति तथा परिस्थिति से पूरी तरह परिचित हूं। मेरा पूरा प्रयास होगा कि विश्वविद्यालय की जो जरूरतें हैं और जो शिक्षकों की नियुक्तियां करनी है, वह सब राज्यपाल महोदया के आशीर्वाद से हम पूरा करेंगे, जिससे यह विश्वविद्यालय निश्चित रूप से यूजीसी की 12बी तथा नैक के मापदंड को पूरा करेगा। पुराणों में वर्णित जिन तथ्यों का हम अनुमान करते थे भविष्य में संस्कृत विश्वविद्यालय के माध्यम से उसका प्रत्यक्ष दर्शन करेंगे। मंत्री डॉ.यादव ने विश्वविद्यालय के विकास के लिए हरसंभव मदद करने का भरोसा दिया। उन्होंने इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार तथा छात्रों को शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर उज्जैन में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.पंकज लक्ष्मण जानी, उप कुलपति प्रो.मनमोहन उपाध्याय, कुलसचिव डॉ.एलएस सोलंकी, विभागाध्यक्ष डॉ.तुलसीदास परोहा सहित प्राध्यापक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
इसके पूर्व ऑनलाइन कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोचार तथा दीप दीपन के साथ हुआ। समारोह में उद्घाटन स्वागत भाषण एवं प्रासंगिक उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए कुलपति डॉ.पंकज लक्ष्मण जानी ने राज्यपाल तथा उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव के प्रति स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने विश्वविद्यालय की गतिविधियों, आगामी कार्य योजनाओं तथा योगेश्वर श्रीकृष्ण योग भवन एवं आचार्य सांदीपनि शिक्षा भवन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। कुलपति डॉ.जानी ने विश्वविद्यालय की वर्तमान स्थिति की जानकारी देते हुए यह निवेदन किया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की 12बी की मान्यता हेतु तथा नैक संस्था से निरीक्षण हेतु आवश्यक मापदंडों को पूरा करने के लिए प्रशासनिक एवं शैक्षणिक भवन की अत्यंत आवश्यकता है एवं रिक्त प्राध्यापकों के पदों को शीघ्र भरे जाने की आवश्यकता है।
उपकुलपति डॉ.मनमोहन उपाध्याय ने कुलाधिपति का तथा मंत्री का विश्वविद्यालय परिवार की ओर से आभार माना। अंत में शिलान्यास समारोह में सम्मिलित हुए सभी मध्यप्रदेश एवं उत्तर प्रदेश राजभवन के अधिकारियों, विश्वविद्यालय के तथा महाविद्यालयों के प्राध्यापकों सम्माननीय नागरिकों प्रबंध मंडल के सदस्यों एवं सभी छात्र-छात्राओं के प्रति कुलसचिव डॉ एस एस सोलंकी ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन विभागाध्यक्ष डॉ तुलसीदास परौहा द्वारा किया गया । कार्यक्रम का ऑनलाइन प्रसारण गूगल मीट तथा फेसबुक के माध्यम से किया गया, जिसमें जुड़कर सैकड़ों लोगों ने इस कार्यक्रम को लाइव देखा। विश्व विद्यालय के लिए आज का दिन उसके स्वर्णिम इतिहास का अविस्मरणीय दिवस रहेगा। कार्यक्रम का औपचारिक समापन कल्याण मंत्र के साथ हुआ।
Tags
Hindi News
