लॉकडाउन में मध्याह्न भोजन के नाम पर ही बांट दिए 316 करोड़
भोपाल. लॉकडाउन में प्रदेश के स्कूल, आंगनबााड़ी बंद थे। ऐसे में न तो कक्षाएं लगीं और न आंगनबाड़ी में बच्चे उपस्थित रहे, लेकिन इस दौर का रिकार्ड देखें तो सरकार ने पात्र विद्यार्थियों को खाद्य सुरक्षा भत्ता दिया। इसके तहत 316.79 करोड़ रुपए सीधे उनके खाते में ट्रांसफर किए गए। वहीं, खाद्यान्न वितरण भी हुआ, जबकि हकीकत में न तो बच्चों के खाते में राशि पहुंची और न किसी को खाद्यान्न मिला। हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने मध्याह्न भोजन के नाम पर खाद्य सुरक्षा भत्ते में फर्जीवाड़े का मामला उठाया था। आरोप लगाया कि कोरोनाकाल में यह राशि कागजों पर दर्शाई गई है। इसकी उन्होंने जांच की मांग की थी। इस पर पंचायत मंत्री महेन्द्र ङ्क्षसह सिसौदिया ने लिखित जवाब में फर्जीवाड़े से साफ इनकार किया। इसी में मंत्री ने दावा किया कि मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के तहत 18 मार्च से 31 जुलाई तक कुल 110 शैक्षणिक दिवसों के लिए खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में भोजन पकाने की 316 करोड़ 79 लाख 74 हजार 928 रुपए की राशि विद्यार्थियों या उनके अभिभावकों के बैंक खाता में ट्रांसफर की गई।