"सफलता की कहानी" लॉकडाउन के समय सब्जी विक्रय का व्यवसाय पूरी तरह ठप हो गया था, पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर योजना से दोबारा पहले जैसा हो गया

"सफलता की कहानी" लॉकडाउन के समय सब्जी विक्रय का व्यवसाय पूरी तरह ठप हो गया था, पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर योजना से दोबारा पहले जैसा हो गया

उज्जैन 18 अगस्त। कोरोना संक्रमण से बचाव के चलते लॉकडाउन के कारण कई व्यापारियों का बिते दिनों काफी नुकसान हुआ है, लेकिन इसमें सबसे अधिक मार छोटे-मोटे दुकानदार और स्ट्रीट वेंडर को झेलनी पड़ी थी। भैरवगढ़ निवासी 36 वर्षीय पंकज पिता रमेशचंद्र भी उन्हीं लोगों में से एक थे, जिनका व्यवसाय लॉकडाउन के समय पूरी तरह से ठप हो गया था। पंकज भैरवगढ़ क्षेत्र में सब्जी का ठेला लगाकर अपना जीवन यापन करते थे। परिवार में उनके तीन बच्चे और पत्नी है। वैसे ही पांच लोगों के परिवार को चलाने के लिये सब्जी बेचकर भी आमदनी कम पड़ती थी, ऊपर से कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन ने पंकज की मुश्किलें और बढ़ा दी थी।

दो महीने तक लॉकडाउन रहने के कारण पंकज सब्जी विक्रय नहीं कर सके थे। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन लगने के पहले वे काफी मात्रा में सब्जी लेकर आये थे, जिसे उन्होंने अप्रैल मई में होने वाले वैवाहिक कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए खरीदा था। पंकज को लगा था कि शादी-ब्याह और अन्य कार्यक्रमों के दौरान सब्जियों की मांग काफी बढ़ेगी, लेकिन पंकज आने वाले संकट से पूरी तरह से बेखबर थे।

लॉकडाउन के कारण घर में रखी सब्जियों का स्टॉक निकल नहीं पाया और खराब होने के कारण सब्जियों को पशुओं को खिलाने की नौबत आ गई थी। इस वजह से पंकज ने उसमें जितनी पूंजी लगाई थी, वह भी डूब गई थी।

इस वजह से पंकज और उनके सभी घरवाले काफी परेशान हो गये थे। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या किया जाये। आयेदिन पंकज अखबारों में कोरोना के कारण व्यवसाय ठप पड़ने से बढ़ रहे आत्महत्या के प्रकरणों के बारे में पढ़ते थे। इससे उनका मनोबल और टूट जाता था, लेकिन पंकज ने मुश्किल समय में हार नहीं मानी। उन्हें पूरा विश्वास था कि सरकार गरीबों को इस मुश्किल समय से उबारने का कोई न कोई हल जरूर निकालेगी।

कुछ समय बाद पंकज ने अखबार में प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर स्वनिधि योजना के बारे में पढ़ा। उन्हें लगा कि इस योजना की मदद से वे अपने व्यवसाय को न सिर्फ दोबारा प्रारम्भ कर सकेंगे, बल्कि जो नुकसान हुआ है, उसकी भी भरपाई कर सकेंगे। पंकज ने योजना का लाभ लेने हेतु नगर पालिक निगम में आवेदन दिया और कुछ ही दिनों में बिना कोई सिक्योरिटी के उन्हें बैंक द्वारा योजना के अन्तर्गत 10 हजार रुपये का ऋण मिल गया। इस वजह से पंकज का व्यवसाय आज दोबारा पहले जैसी स्थिति में आ गया है। पंकज ने कहा कि सरकार ने गरीबों का विशेष ध्यान रखा है। कोरोनाकाल से उबरने में सरकार की ओर से मिली सहायता के लिये वे आजीवन सरकार के आभारी रहेंगे।

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