कोरोना योद्धा का परिवार पीने के पानी के लिए तरसा!

कोरोना योद्धा का परिवार पीने के पानी के लिए तरसा! 



उज्जैन। एक कोरोना योद्धा ने स्वयं को संक्रमित होने की परवाह न करते हुए कोरोना वार्ड एवं परिसर की जी-जान से सफाई की। जब वह संक्रमित हुई और उसके परिवार को होम क्वारेंटाइन किया गया, तो उसके घर में पीने का पानी भी नहीं था। जब परिजनों ने पीने के पानी के लिए जुगत लगाई तो उसके मोहल्ले के कुछ लोगों द्वारा विरोध किया गया। महिला ने अपने स्टॉफ को जानकारी दी, तब जाकर पीने के पानी का इंतजाम हो पाया।

यह चौंकाने वाली खबर नहीं बल्कि समाज के नजरिये को उजागर करती जानकारी है। जिस सफाईकर्मी ने केवल 4 हजार रुपए मासिक पारिश्रमिक के बदले कोरोना वार्ड की सफाई की और अपनी तथा अपने परिवार की जान की परवाह न करते हुए काम किया, उसके साथ यह घटना घट गई। क्षेत्र के एक जनप्रतिनिधि को जब यह बात बताई गई तो उन्होने कहाकि वे शहर से बाहर हैं। अत: फिलहाल कोई मदद नहीं कर सकते। इस घटना की जानकारी के बाद होम क्वारेंटाइन परिजनों में नाराजगी रही। हालांकि अस्पताल के कुछ लोगों ने जो भी आवश्यकताएं थी, उसकी पूर्ति करवाई।

लोगों को संवेदनशीलता रखना चाहिए
शा. माधवनगर के प्रभारी डॉ. भोजराज शर्मा के अनुसार मरीज के परिवार को होम क्वारेंटाइन कर दिया गया है। सफाईकर्मी एसिम्प्टोमेटिक थी,अत: गाइडलाइन अनुसार उसके साथ काम करने वालों का ध्यान रखा जा रहा है। फिलहाल साथ काम करने वाला स्टॉफ स्वस्थ है। लोगों को यह ध्यान रखना चाहिए कि जो समाज के हित में अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा दे रहे हैं,उनके प्रति संवेदनशीलता रखें, न कि किसी प्रकार का कोई भय अथवा घृणा।

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