100 करोड़ की शासकीय और सीलिंग भूमि की जांच के लिए पहुंचा आर्थिक अपराध शाखा (EOW) का दल।
इंदौर रोड की इंद्रालय और तिरुपति डिलाइट के विरुद्ध दर्ज है प्राथमिकी।
उज्जैन: शासकिय और सीलिंग भूमि पर कॉलोनी काटने की रजिस्टर्ड हुई शिकायत के बाद आर्थिक अपराध शाखा पुलिस की टीम ने इंदौर रोड़ स्थित इंद्रालय 1-2 और तिरुपति डिलाइट नामक कॉलोनियों की जांच शुरू कर दी है। मामले में EOW में प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। और अब कॉलोनी के दस्तावेज खंगाले जा रहे है। आरोप है कि कालोनाइजरों ने 100 करोड़ से अधिक की शासकीय जमीन कॉलोनी में दबा ली है। वहीं सांठगांठ कर सीलिंग की जमीन पर भी अभिन्यास स्वीकृत करा लिया है।
इंदौर रोड पर शिवांश हाईराइज बिल्डिंग के समीप स्थित गड्ढे में लगभग 20 फ़ीट का भराव कर यह कालोनियां काटी गई है। जिसमें खनीज की रॉयल्टी चोरी के साथ ही शासकीय और सीलिंग जमीन दबाने की शिकायत EOW से की गई थी। जिसमें EOW ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बहुत बड़े क्षेत्र में फैली इन कॉलोनियों ने बड़े पैमाने पर शासकीय जमीनें भी दबा ली है वहीं सीलिंग की जमीन भी उपयोग कर ली गई है। जिसे हाईकोर्ट ने सीलिंग मुक्त करने पर रोक लगा दी थी। लेकिन तत्कालीन अधिकारियों से सांठगांठ कर दोनों बिल्डरों महेश परियानी और आबिद मीर ने यहां कॉलोनी काट दी है। जिसका बाजार मूल्य आज 3500 रुपये स्कवेयर फ़ीट है। फिलहाल जांच दल EOW सभी विभागों से कॉलोनी के कागज़ात तलब कर रहा है। जिसके बाद कॉलोनी का भौतिक सत्यापन होगा। जांच की कार्रवाई तेजी से की जा रही है।
इंदौर रोड की इंद्रालय और तिरुपति डिलाइट के विरुद्ध दर्ज है प्राथमिकी।
उज्जैन: शासकिय और सीलिंग भूमि पर कॉलोनी काटने की रजिस्टर्ड हुई शिकायत के बाद आर्थिक अपराध शाखा पुलिस की टीम ने इंदौर रोड़ स्थित इंद्रालय 1-2 और तिरुपति डिलाइट नामक कॉलोनियों की जांच शुरू कर दी है। मामले में EOW में प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। और अब कॉलोनी के दस्तावेज खंगाले जा रहे है। आरोप है कि कालोनाइजरों ने 100 करोड़ से अधिक की शासकीय जमीन कॉलोनी में दबा ली है। वहीं सांठगांठ कर सीलिंग की जमीन पर भी अभिन्यास स्वीकृत करा लिया है।
इंदौर रोड पर शिवांश हाईराइज बिल्डिंग के समीप स्थित गड्ढे में लगभग 20 फ़ीट का भराव कर यह कालोनियां काटी गई है। जिसमें खनीज की रॉयल्टी चोरी के साथ ही शासकीय और सीलिंग जमीन दबाने की शिकायत EOW से की गई थी। जिसमें EOW ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बहुत बड़े क्षेत्र में फैली इन कॉलोनियों ने बड़े पैमाने पर शासकीय जमीनें भी दबा ली है वहीं सीलिंग की जमीन भी उपयोग कर ली गई है। जिसे हाईकोर्ट ने सीलिंग मुक्त करने पर रोक लगा दी थी। लेकिन तत्कालीन अधिकारियों से सांठगांठ कर दोनों बिल्डरों महेश परियानी और आबिद मीर ने यहां कॉलोनी काट दी है। जिसका बाजार मूल्य आज 3500 रुपये स्कवेयर फ़ीट है। फिलहाल जांच दल EOW सभी विभागों से कॉलोनी के कागज़ात तलब कर रहा है। जिसके बाद कॉलोनी का भौतिक सत्यापन होगा। जांच की कार्रवाई तेजी से की जा रही है।
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