उज्जैन:भादौ मास में निकली बाबा महाकाल की पहली सवारी
भादौ मास में सोमवार को उज्जैन स्थित भगवान महाकाल की पहली सवारी निकली। श्रावण-भादौ मास के क्रम में यह भगवान महाकाल की छठी सवारी है। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के सभा मंडप में परंपरा अनुसार कलेक्टर आशीष सिंह ने भगवान महाकाल के मनमहेश और चंदमौलेश्वर रूप का पूजन कर पालकी को नगर भ्रमण के लिए रवाना किया।
सोमवार शाम 4 बजे लाव लश्कर के साथ बाबा महाकाल नगर भ्रमण निकले। भगवान महाकाल ने चांदी की पालकी में मनमहेश व हाथी पर चंद्रमौलेश्वर रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन दिए।
सवारी बड़ा गणेश, हरसिद्धि चौराहा, सिद्ध आश्रम के सामने से होते हुए सवारी मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंची। यहां महाकाल पेढ़ी पर पुजारी भगवान महाकाल का शिप्रा जल से अभिषेक कर पूजा-अर्चना की। पूजन पश्चात सवारी हरसिद्धि की पाल होते हुए शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर के सामने से पुनः महाकाल मंदिर पहुंची।
महाकाल मंदिर समिति ने भक्तों के लिए लाइव दर्शन की व्यवस्था की थी। अब अगले सोमवार 17 अगस्त को भगवान महाकाल की शाही और अंतिम सवारी परंपरागत मार्ग से निकाली जाएगी।
भादौ मास में सोमवार को उज्जैन स्थित भगवान महाकाल की पहली सवारी निकली। श्रावण-भादौ मास के क्रम में यह भगवान महाकाल की छठी सवारी है। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के सभा मंडप में परंपरा अनुसार कलेक्टर आशीष सिंह ने भगवान महाकाल के मनमहेश और चंदमौलेश्वर रूप का पूजन कर पालकी को नगर भ्रमण के लिए रवाना किया।
सोमवार शाम 4 बजे लाव लश्कर के साथ बाबा महाकाल नगर भ्रमण निकले। भगवान महाकाल ने चांदी की पालकी में मनमहेश व हाथी पर चंद्रमौलेश्वर रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन दिए।
सवारी बड़ा गणेश, हरसिद्धि चौराहा, सिद्ध आश्रम के सामने से होते हुए सवारी मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंची। यहां महाकाल पेढ़ी पर पुजारी भगवान महाकाल का शिप्रा जल से अभिषेक कर पूजा-अर्चना की। पूजन पश्चात सवारी हरसिद्धि की पाल होते हुए शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर के सामने से पुनः महाकाल मंदिर पहुंची।
महाकाल मंदिर समिति ने भक्तों के लिए लाइव दर्शन की व्यवस्था की थी। अब अगले सोमवार 17 अगस्त को भगवान महाकाल की शाही और अंतिम सवारी परंपरागत मार्ग से निकाली जाएगी।
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