चरक भवन में मनाया गया विश्व स्तनपान सप्ताह
उज्जैन 05 अगस्त। बुधवार 5 अगस्त को विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन मातृ एवं शिशु चिकित्सालय चरक भवन के पीएनसी वार्ड में किया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.महावीर खंडेलवाल, वरिष्ठ महिला चिकित्सक डॉ.संगीता पल्सानिया, डीपीएम सुश्री परविन्दर बग्गा, एपीएम दिलीप वसुनिया, डीसीएम अनस कुरेशी, डिप्टी मीडिया अधिकारी श्री चरणसिंह मण्डलोई उपस्थित थे।
इस अवसर पर सीएमएचओ द्वारा बच्चे के जन्म के तुरंत बाद एक घंटे के अन्दर मां का दूध पिलाने के लिये उसकी आवश्यकता एवं महत्व को समझाया गया एवं वहां पर भर्ती सभी नवजात शिशुओं की माताओं को छह माह तक केवल मां का दूध ही पिलाने हेतु बताया गया।
डॉ. संगीता पल्सानिया ने भर्ती माताओं से आग्रह किया कि वह छह माह तक केवल अपना दूध ही पिलायें, अतिरिक्त अन्य कोई आहार न दें। छह माह बाद उसको अतिरिक्त पोषण आहार के लिये उबली दाल, मसला आलु, दाल का पानी, चावल का पानी आदि तरल रूप में बच्चों को बार-बार देते रहें। इससे बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास ठीक ढंग से होता है। मां का पहला गाढा दूध जिसे कोलोस्ट्रम कहते हैं, यह सोने के समान कीमती है। यह बच्चे के लिये जीवन के लिये बहुत उपयोगी है। बच्चे को 24 घंटे में 8 से 10 बार दूध पिलाना चाहिये।
उज्जैन 05 अगस्त। बुधवार 5 अगस्त को विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन मातृ एवं शिशु चिकित्सालय चरक भवन के पीएनसी वार्ड में किया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.महावीर खंडेलवाल, वरिष्ठ महिला चिकित्सक डॉ.संगीता पल्सानिया, डीपीएम सुश्री परविन्दर बग्गा, एपीएम दिलीप वसुनिया, डीसीएम अनस कुरेशी, डिप्टी मीडिया अधिकारी श्री चरणसिंह मण्डलोई उपस्थित थे।
इस अवसर पर सीएमएचओ द्वारा बच्चे के जन्म के तुरंत बाद एक घंटे के अन्दर मां का दूध पिलाने के लिये उसकी आवश्यकता एवं महत्व को समझाया गया एवं वहां पर भर्ती सभी नवजात शिशुओं की माताओं को छह माह तक केवल मां का दूध ही पिलाने हेतु बताया गया।
डॉ. संगीता पल्सानिया ने भर्ती माताओं से आग्रह किया कि वह छह माह तक केवल अपना दूध ही पिलायें, अतिरिक्त अन्य कोई आहार न दें। छह माह बाद उसको अतिरिक्त पोषण आहार के लिये उबली दाल, मसला आलु, दाल का पानी, चावल का पानी आदि तरल रूप में बच्चों को बार-बार देते रहें। इससे बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास ठीक ढंग से होता है। मां का पहला गाढा दूध जिसे कोलोस्ट्रम कहते हैं, यह सोने के समान कीमती है। यह बच्चे के लिये जीवन के लिये बहुत उपयोगी है। बच्चे को 24 घंटे में 8 से 10 बार दूध पिलाना चाहिये।
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