ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर देश की जनता को लूटना बंद करें स्कूल कॉलेज:- मनोज जैन
अखिल भारतीय वैश्य महासंगठन तमिलनाडु के प्रदेश संयोजक तमिलनाडु पावन ब्रोकर एवं ज्वेलर्स एसोसिएशन के डेल्टा क्षेत्र प्रभारी मनोज जैन ने बताया की कोरोना काल में प्राइवेट स्कूल और कॉलेज देश में ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर देश की जनता को लूट रहे हैं एक तरफ जहां स्कूल और कॉलेज में टीचर्स यह कहते हैं कि बच्चों को मोबाइल के रेडिएशन से दूर रखना चाहिए वहीं दूसरी तरफ प्रतिदिन 3 से 4 घंटे ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है और ऑनलाइन शिक्षा पर दोहरा भार पड़ने की दुवाई देकर विद्यार्थी के परिवारजनों से फीस वसूल की जा रही है जबकि घर पर किसी विद्यार्थी को पढ़ाने के लिए उसके साथ उसकी मम्मी पापा किसी एक का रहना बहुत जरूरी होता है एक मा ही पूरे परिवार की देखभाल करती है खाना पीने परिवार जनों की देखभाल करने का सारा कार्य वहीं महिला करती है और वही परिवार की महिला अपने बच्चों के साथ तीन चार घंटे बैठकर पढ़ाई कराएगी तो क्या प्राइवेट स्कुलं उनको सैलेरी देंगे अनावश्यक रूप से बाहर नहीं जाने कि इस करोना काल में दुवाई दी जा रही है जबकि ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर यदि किसी का रिचार्ज खत्म हो गया या किसी के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं है तो इस आर्थिक तंगी में कहा से परिवारजन मोबाइल और लैपटॉप खरीदें और किसी परिवार के सदस्यों को एंड्राइड मोबाइल लैपटॉप चलाना नहीं आए तो क्या करें ?और फिर उसमें रिचार्ज कराएं और इस संकट की घड़ी में मोबाइल लैपटॉप लेने गया परिवार किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आ गया तो उसका जवाब कौन देगा ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर सरकार भी मौन हैं सरकार की क्या इन प्राइवेट स्कूलों से सांठगांठ है क्यों नहीं सरकार इनको कहती इस वर्ष की देश की सभी प्राइवेट स्कूल कॉलेज इस वर्ष की फीस माफ करें जबकि यहां तक भी बात सामने आ रही है इस वर्ष की ट्रांसपोर्ट की फीस भी प्राइवेट स्कूल के द्वारा जो वसूल कर ली गई है वह भी प्राइवेट स्कूल देने में अगले साल में एडजस्ट करने में आनाकानी कर रहे हैं और यह कहा जा रहा है क्या हमको स्कूल के ड्राइवर को तनख्हा नहीं देनी पड़ेगी उसका परमिट बनाना पड़ेगा उसका रोड टैक्स देना पड़ेगा मैं पूछना चाहता हूं स्कूल मैनेजमेंट ने जब वाहन खरीदे तब क्या विद्यार्थी के परिवारजनों से पूछकर खरीदे जब इतने सालों तक स्कूलों में कमाई होती रही तब आपने ₹1 भी किसी विद्यार्थी को डिस्काउंट किसी प्राइवेट स्कूल कॉलेज ने नहीं दिया है आज आर्थिक संकट में हर परिवार गुजर रहा है तो क्या वह स्कूल कॉलेज वालों से यह कह दे कि मैं इस वर्ष की फीस अगले वर्ष दे पाऊंगा तो क्या वह मान जाएंगे? मैं केंद्र सरकार और देश की सभी राज्य सरकारों से निवेदन करना चाहता हूं की तुरंत प्रभाव से इस ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से देश में जिन जिन प्राइवेट स्कूलों द्वारा देश की जनता के साथ फिस वसूल की जा रही उस पर तुरंत रोकथाम लगाए ऐसे स्कूलों की तुरंत मान्यता रद्द करें एवं ऐसे स्कूलो और कॉलेजों पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए !
सूचना स्तोत्र📡
मीडिया विभाग
अखिल भारतीय वैश्य महासंगठन तमिलनाडु के प्रदेश संयोजक तमिलनाडु पावन ब्रोकर एवं ज्वेलर्स एसोसिएशन के डेल्टा क्षेत्र प्रभारी मनोज जैन ने बताया की कोरोना काल में प्राइवेट स्कूल और कॉलेज देश में ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर देश की जनता को लूट रहे हैं एक तरफ जहां स्कूल और कॉलेज में टीचर्स यह कहते हैं कि बच्चों को मोबाइल के रेडिएशन से दूर रखना चाहिए वहीं दूसरी तरफ प्रतिदिन 3 से 4 घंटे ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है और ऑनलाइन शिक्षा पर दोहरा भार पड़ने की दुवाई देकर विद्यार्थी के परिवारजनों से फीस वसूल की जा रही है जबकि घर पर किसी विद्यार्थी को पढ़ाने के लिए उसके साथ उसकी मम्मी पापा किसी एक का रहना बहुत जरूरी होता है एक मा ही पूरे परिवार की देखभाल करती है खाना पीने परिवार जनों की देखभाल करने का सारा कार्य वहीं महिला करती है और वही परिवार की महिला अपने बच्चों के साथ तीन चार घंटे बैठकर पढ़ाई कराएगी तो क्या प्राइवेट स्कुलं उनको सैलेरी देंगे अनावश्यक रूप से बाहर नहीं जाने कि इस करोना काल में दुवाई दी जा रही है जबकि ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर यदि किसी का रिचार्ज खत्म हो गया या किसी के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं है तो इस आर्थिक तंगी में कहा से परिवारजन मोबाइल और लैपटॉप खरीदें और किसी परिवार के सदस्यों को एंड्राइड मोबाइल लैपटॉप चलाना नहीं आए तो क्या करें ?और फिर उसमें रिचार्ज कराएं और इस संकट की घड़ी में मोबाइल लैपटॉप लेने गया परिवार किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आ गया तो उसका जवाब कौन देगा ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर सरकार भी मौन हैं सरकार की क्या इन प्राइवेट स्कूलों से सांठगांठ है क्यों नहीं सरकार इनको कहती इस वर्ष की देश की सभी प्राइवेट स्कूल कॉलेज इस वर्ष की फीस माफ करें जबकि यहां तक भी बात सामने आ रही है इस वर्ष की ट्रांसपोर्ट की फीस भी प्राइवेट स्कूल के द्वारा जो वसूल कर ली गई है वह भी प्राइवेट स्कूल देने में अगले साल में एडजस्ट करने में आनाकानी कर रहे हैं और यह कहा जा रहा है क्या हमको स्कूल के ड्राइवर को तनख्हा नहीं देनी पड़ेगी उसका परमिट बनाना पड़ेगा उसका रोड टैक्स देना पड़ेगा मैं पूछना चाहता हूं स्कूल मैनेजमेंट ने जब वाहन खरीदे तब क्या विद्यार्थी के परिवारजनों से पूछकर खरीदे जब इतने सालों तक स्कूलों में कमाई होती रही तब आपने ₹1 भी किसी विद्यार्थी को डिस्काउंट किसी प्राइवेट स्कूल कॉलेज ने नहीं दिया है आज आर्थिक संकट में हर परिवार गुजर रहा है तो क्या वह स्कूल कॉलेज वालों से यह कह दे कि मैं इस वर्ष की फीस अगले वर्ष दे पाऊंगा तो क्या वह मान जाएंगे? मैं केंद्र सरकार और देश की सभी राज्य सरकारों से निवेदन करना चाहता हूं की तुरंत प्रभाव से इस ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से देश में जिन जिन प्राइवेट स्कूलों द्वारा देश की जनता के साथ फिस वसूल की जा रही उस पर तुरंत रोकथाम लगाए ऐसे स्कूलों की तुरंत मान्यता रद्द करें एवं ऐसे स्कूलो और कॉलेजों पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए !
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