कृषक उत्पादक संगठनों को पर्याप्त बाजार एवं ऋण लिंकेज की सुविधा प्रदान की जायेगी, कलेक्टर ने जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक ली
उज्जैन- 30 जुलाई। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने बृहस्पति भवन में आज किसान उत्पादक संगठनों का गठन और संवर्धन योजना के अन्तर्गत जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक लेकर सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिले में कम से कम 10-12 कृषक उत्पादक संगठनों को तैयार किया जाये और उन्हें कृषि विभाग से जुड़े सम्बन्धित विभाग उन संगठनों को पर्याप्त सुविधा मुहैया करवाया जाना सुनिश्चित करें। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने कहा कि तराना तहसील के ग्राम ढाबलाहर्दू में इस सम्बन्ध में एफपीओ अच्छा कार्य कर रहे हैं। इन्हीं का अनुसरण कर अन्य कृषक उत्पादक संगठन तैयार करें और उनकी मदद की जाये। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि 15 दिन में एक बार कृषक उत्पादक संगठन के साथ बैठक आयोजित की जाये। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग से जुड़े समस्त विभाग जैसे पशुपालन, उद्यानिकी, सहकारिता, मत्स्य विभाग आदि मिलकर कृषक संगठनों को तैयार कर उन्हें समुचित व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने का कार्य करें, ताकि कृषक संगठन आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें।
बैठक में कृषि विभाग के उप संचालक श्री सीएल केवड़ा ने केन्द्रपोषित योजना के अन्तर्गत किसान उत्पादक संगठनों का गठन और संवर्धन के मार्गदर्शी सिद्धान्तों को पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत कृषक उत्पादक संगठनों को पर्याप्त बाजार एवं ऋण लिंकेज की सुविधा प्रदान की जायेगी। आर्थिक रूप से कृषक उत्पादक संगठनों को विकसित करने हेतु पर्याप्त सहायता प्रदान करते हुए जिले में कृषक उत्पादक संगठन का निर्माण किया जायेगा। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने सम्बन्धित अधिकारी को निर्देश दिये कि वे जिले में लगभग 12 संगठन तैयार कर उन्हें समुचित सहायता उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित करें। बैठक में बताया गया कि कृषि की उत्पादकता में वृद्धि करना और उत्पादन की प्रोसेसिंग पर बेहतर मार्केटिंग कर लाभ प्राप्त करना ही उक्त योजना का मुख्य उद्देश्य है। संगठन के गठन और उनके संवर्धन के लिये रणनीति तैयार कर एफपीओ का गठन किया जायेगा। संगठन तैयार करने के बाद उनकी सक्रियता और आर्थिक रूप से अनुकूल बनाने का कार्य किया जायेगा। सरकार ने योजना के अन्तर्गत कृषक उत्पादक संगठन के निर्माण एवं संवर्धन हेतु बजट का प्रावधान किया गया है। योजना के अन्तर्गत मेंचिंग इक्विटी ग्रांट सपोर्ट का भी प्रावधान किया गया है, जो कि दो हजार रुपये प्रति किसान सदस्य को देना होंगे।
बैठक में बताया गया कि योजना के अन्तर्गत कृषक उत्पादक संगठन को वित्तीय सहायता अधिकतम 18 लाख रुपये प्रति कृषक उत्पादक संगठन को होगी, जो कि प्रत्येक संगठन के निर्माण से तीन वर्ष की अवधि के लिये रहेगी। नये कृषक उत्पादक संगठनों को उनके बनने की तिथि से पांच वर्ष तक हैंडहोल्डिंग सपोर्ट प्रदान किया जायेगा। नये संगठन को अधिनियम-9ए अथवा राज्य सहकारी समिति अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकृत किया जायेगा। संगठन में कम से 300 सदस्य के साथ कृषक उत्पादक संगठन बनाया जायेगा। संगठन को आर्थिक स्थिरता और लाभप्रदता के लिये सक्षम बनाने का प्रयास किया जायेगा। विपणन प्रसंस्करण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिये कृषक उत्पादक संगठन की अवधारणा को प्रोत्साहित करते हुए गठन किया जायेगा। जिला स्तरीय निगरानी समिति में अध्यक्ष कलेक्टर, सदस्य जिला पंचायत सीईओ, कृषि विभाग के उप संचालक, सहकारिता एवं पंजीयक विभाग के उपायुक्त, आत्मा के परियोजना संचालक, मंडी सचिव, जिला अग्रणी बैंक, मत्स्य, जिला कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक, कृषक उत्पादक संगठन के प्रतिनिधि सदस्य हैं और सदस्य सचिव जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड रहेंगे।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री अंकित अस्थाना, कृषि विभाग के उप संचालक श्री सीएल केवड़ा, सहायक संचालक कृषि श्री कमलेश राठौर, सहकारिता, उद्यानिकी विभाग, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास आदि विभाग सहित कृषक उत्पादक संगठन के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
उज्जैन- 30 जुलाई। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने बृहस्पति भवन में आज किसान उत्पादक संगठनों का गठन और संवर्धन योजना के अन्तर्गत जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक लेकर सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिले में कम से कम 10-12 कृषक उत्पादक संगठनों को तैयार किया जाये और उन्हें कृषि विभाग से जुड़े सम्बन्धित विभाग उन संगठनों को पर्याप्त सुविधा मुहैया करवाया जाना सुनिश्चित करें। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने कहा कि तराना तहसील के ग्राम ढाबलाहर्दू में इस सम्बन्ध में एफपीओ अच्छा कार्य कर रहे हैं। इन्हीं का अनुसरण कर अन्य कृषक उत्पादक संगठन तैयार करें और उनकी मदद की जाये। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि 15 दिन में एक बार कृषक उत्पादक संगठन के साथ बैठक आयोजित की जाये। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग से जुड़े समस्त विभाग जैसे पशुपालन, उद्यानिकी, सहकारिता, मत्स्य विभाग आदि मिलकर कृषक संगठनों को तैयार कर उन्हें समुचित व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने का कार्य करें, ताकि कृषक संगठन आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें।
बैठक में कृषि विभाग के उप संचालक श्री सीएल केवड़ा ने केन्द्रपोषित योजना के अन्तर्गत किसान उत्पादक संगठनों का गठन और संवर्धन के मार्गदर्शी सिद्धान्तों को पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत कृषक उत्पादक संगठनों को पर्याप्त बाजार एवं ऋण लिंकेज की सुविधा प्रदान की जायेगी। आर्थिक रूप से कृषक उत्पादक संगठनों को विकसित करने हेतु पर्याप्त सहायता प्रदान करते हुए जिले में कृषक उत्पादक संगठन का निर्माण किया जायेगा। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने सम्बन्धित अधिकारी को निर्देश दिये कि वे जिले में लगभग 12 संगठन तैयार कर उन्हें समुचित सहायता उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित करें। बैठक में बताया गया कि कृषि की उत्पादकता में वृद्धि करना और उत्पादन की प्रोसेसिंग पर बेहतर मार्केटिंग कर लाभ प्राप्त करना ही उक्त योजना का मुख्य उद्देश्य है। संगठन के गठन और उनके संवर्धन के लिये रणनीति तैयार कर एफपीओ का गठन किया जायेगा। संगठन तैयार करने के बाद उनकी सक्रियता और आर्थिक रूप से अनुकूल बनाने का कार्य किया जायेगा। सरकार ने योजना के अन्तर्गत कृषक उत्पादक संगठन के निर्माण एवं संवर्धन हेतु बजट का प्रावधान किया गया है। योजना के अन्तर्गत मेंचिंग इक्विटी ग्रांट सपोर्ट का भी प्रावधान किया गया है, जो कि दो हजार रुपये प्रति किसान सदस्य को देना होंगे।
बैठक में बताया गया कि योजना के अन्तर्गत कृषक उत्पादक संगठन को वित्तीय सहायता अधिकतम 18 लाख रुपये प्रति कृषक उत्पादक संगठन को होगी, जो कि प्रत्येक संगठन के निर्माण से तीन वर्ष की अवधि के लिये रहेगी। नये कृषक उत्पादक संगठनों को उनके बनने की तिथि से पांच वर्ष तक हैंडहोल्डिंग सपोर्ट प्रदान किया जायेगा। नये संगठन को अधिनियम-9ए अथवा राज्य सहकारी समिति अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकृत किया जायेगा। संगठन में कम से 300 सदस्य के साथ कृषक उत्पादक संगठन बनाया जायेगा। संगठन को आर्थिक स्थिरता और लाभप्रदता के लिये सक्षम बनाने का प्रयास किया जायेगा। विपणन प्रसंस्करण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिये कृषक उत्पादक संगठन की अवधारणा को प्रोत्साहित करते हुए गठन किया जायेगा। जिला स्तरीय निगरानी समिति में अध्यक्ष कलेक्टर, सदस्य जिला पंचायत सीईओ, कृषि विभाग के उप संचालक, सहकारिता एवं पंजीयक विभाग के उपायुक्त, आत्मा के परियोजना संचालक, मंडी सचिव, जिला अग्रणी बैंक, मत्स्य, जिला कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक, कृषक उत्पादक संगठन के प्रतिनिधि सदस्य हैं और सदस्य सचिव जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड रहेंगे।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री अंकित अस्थाना, कृषि विभाग के उप संचालक श्री सीएल केवड़ा, सहायक संचालक कृषि श्री कमलेश राठौर, सहकारिता, उद्यानिकी विभाग, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास आदि विभाग सहित कृषक उत्पादक संगठन के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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