गंभीर’ स्थिति: पिछले वर्ष की तुलना में 66% खाली
उज्जैन - 30 जुलाई 2019 को था 1588.60 एमसीएफटी पानी, आज 526.70 एमसीएफटी ही भराया
मानसून ने धोखा दिया तो खड़ा हो जाएगा जलसंकट
उज्जैन।इस वर्ष सावन माह में मानसून की एक बार भी जोरदार झड़ी नहीं लगी है, नदी, तालाब और डेम में पिछले वर्ष की तुलना में 6६ प्रतिशत कम पानी एकत्रित हुआ है ऐसे में यदि मानसून धोखा दे जाता है तो शहर में पेयजल संकट की समस्या खड़ी हो जाएगी।
आज की स्थिति में गंभीर बांध में कुल 526 एमसीएफटी पानी एकत्रित है, जबकि आज ही के दिन पिछले वर्ष गंभीर बांध में कुल 1588 एमसीएफटी पानी स्टोर था। खास बात यह कि इस वर्ष पूरा सावन महीना गुजर जाने के बावजूद मानसून की जोरदार बारिश दर्ज नहीं हुई है यहां तक कि वातावरण में गर्मी और उमस बरकरार है। मौसम विभाग द्वारा अब तक प्रदेश में जोरदार बारिश के संकेत भी नहीं दिये गये हैं। दूसरी ओर शहर में मौजूद जलस्त्रोतों का स्तर भी गिरता जा रहा है। यदि ऐसी स्थिति भादौ मास में बनती है तो शहर में पेयजल संकट की समस्या खड़ी हो सकती है क्योंकि पूरे शहर में पेयजल सप्लाय का मुख्य जल स्त्रोत गंभीर बांध है जिसकी स्टोरेज क्षमता 2250 एमसीएफटी है। आधा मानसून सीजन निकलने के बावजूद गंभीर बांध क्षमता के मुताबिक आधा भी नहीं भर पाया है। इसके अलावा उंडासा, साहिबखेड़ी तालाब में भी पानी का स्तर कम हो चुका है।
गंभीर में 50 दिन का पानी शेष
मौसम विभाग से मिली जानकारी अनुसार आगामी दिनों में मौसम सामान्य बने रहने के संकेत है। गुरुवार तक गंभीर डेम में केवल ५० दिनों का पानी शेष बचा है। जिस पर शहरवासियों की चिंता बढ़ती जा रही है। जरूरत के समय में जिले में बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है। अगर बारिश में देरी हुई तो फसलों में नुकसान की आशंका है।
उज्जैन - 30 जुलाई 2019 को था 1588.60 एमसीएफटी पानी, आज 526.70 एमसीएफटी ही भराया
मानसून ने धोखा दिया तो खड़ा हो जाएगा जलसंकट
उज्जैन।इस वर्ष सावन माह में मानसून की एक बार भी जोरदार झड़ी नहीं लगी है, नदी, तालाब और डेम में पिछले वर्ष की तुलना में 6६ प्रतिशत कम पानी एकत्रित हुआ है ऐसे में यदि मानसून धोखा दे जाता है तो शहर में पेयजल संकट की समस्या खड़ी हो जाएगी।
आज की स्थिति में गंभीर बांध में कुल 526 एमसीएफटी पानी एकत्रित है, जबकि आज ही के दिन पिछले वर्ष गंभीर बांध में कुल 1588 एमसीएफटी पानी स्टोर था। खास बात यह कि इस वर्ष पूरा सावन महीना गुजर जाने के बावजूद मानसून की जोरदार बारिश दर्ज नहीं हुई है यहां तक कि वातावरण में गर्मी और उमस बरकरार है। मौसम विभाग द्वारा अब तक प्रदेश में जोरदार बारिश के संकेत भी नहीं दिये गये हैं। दूसरी ओर शहर में मौजूद जलस्त्रोतों का स्तर भी गिरता जा रहा है। यदि ऐसी स्थिति भादौ मास में बनती है तो शहर में पेयजल संकट की समस्या खड़ी हो सकती है क्योंकि पूरे शहर में पेयजल सप्लाय का मुख्य जल स्त्रोत गंभीर बांध है जिसकी स्टोरेज क्षमता 2250 एमसीएफटी है। आधा मानसून सीजन निकलने के बावजूद गंभीर बांध क्षमता के मुताबिक आधा भी नहीं भर पाया है। इसके अलावा उंडासा, साहिबखेड़ी तालाब में भी पानी का स्तर कम हो चुका है।
गंभीर में 50 दिन का पानी शेष
मौसम विभाग से मिली जानकारी अनुसार आगामी दिनों में मौसम सामान्य बने रहने के संकेत है। गुरुवार तक गंभीर डेम में केवल ५० दिनों का पानी शेष बचा है। जिस पर शहरवासियों की चिंता बढ़ती जा रही है। जरूरत के समय में जिले में बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है। अगर बारिश में देरी हुई तो फसलों में नुकसान की आशंका है।
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